Khwabon Khwabon

by Harris Jayaraj, Lalit Pandit

Lyrics : Javed Akhtar
Music : Javed Akhtar
ख्वाबों-ख्वाबों जागे सोये
खोये-खोये हम है जैसे यहाँ
राहों-राहों धुंधले धुंधले
हल्के-हल्के होश के हैं निशां
तुम हमसफ़र हो तो रस्ते सब हैं सेहल
हर मोड़ पर मिलते सपनों के हैं महल
पिघले तन-मन है, साँसो में है नशा
तुम हमसफ़र हो तो सब है जैसे हसीं
चाँद से ज्यादा है जगमगाती ज़मीं
प्यार में डूबी सी लगती है हर दिशा
ख्वाबों-ख्वाबों जागे सोये
खोये-खोये हम है जैसे यहाँ
राहों-राहों धुंधले धुंधले
हल्के-हल्के होश के हैं निशां
क्या करू मैं बयां
लडखडाये जुबां
~ संगीत ~
हम जो ऐसे मिल गये हैं
अब इरादे ही नये हैं
तुम ही कहो कैसे ना हो
दिल में मेरे ये हलचल
हम तो जैसे हैं दीवाने
दिल की सारी बातें माने
तुम हो जहाँ, मैं हूँ वहाँ
दोनों हुए हैं पागल
कम ना हो दीवानगी अपनी
गुज़रे यूँ ही ज़िन्दगी अपनी
दिल जो बतायेंगे हम कहते जायेंगे, हाँ
ख्वाबों-ख्वाबों जागे सोये
खोये-खोये हम है जैसे यहाँ
राहों-राहों धुंधले धुंधले
हल्के-हल्के होश के हैं निशां
~ संगीत ~
प्यार के जो रास्ते हैं
अपने ही तो वास्ते हैं
तुम भी चलो, मैं भी चलूँ
चलते रहें हम पल-पल
पलकों-पलकों ख्वाब ले के
इक दिल-ए-बेताब ले के
हम जो चले, छाने लगे
गीतों के ये बादल
गूंजे हैं जो गीत सुरीले
बन जो इनकी मदीरा पी ले
हम महके जायेंगे, हम कहते जायेंगे, हाँ
ख्वाबों-ख्वाबों जागे सोये
खोये-खोये हम है जैसे यहाँ
राहों-राहों धुंधले धुंधले
हल्के-हल्के होश के हैं निशां
तुम हमसफ़र हो तो रस्ते सब हैं सेहल
हर मोड़ पर मिलते सपनों के हैं महल
पिघले तन-मन है, साँसो में है नशा
तुम हमसफ़र हो तो सब है जैसे हसीं
चाँद से ज्यादा है जगमगाती ज़मीं
प्यार में डूबी सी लगती है हर दिशा